देश की सबसे कठिनतम परीक्षा है संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा। इस परीक्षा में मेधा की असली परख होती है। यह आम धारणा है और मेधा ही कुछ कर गुजरने का जुनून पैदा करती है। इस परीक्षा के टॉप रैंकर्स बनते हैं आईएएस। ये टॉप रैंकर्स कैसे बनते हैं, इसका फिक्स फार्मूला तो अबतक किसी को नहीं मिला। लेकिन बिहार की धरती इन टॉपर्स को पैदा करने में आज भी दूसरे नंबर पर है।
आईएएस कैडर के देश में कुल 4964 अधिकारी हैं। इनमें अकेले बिहार से 416 अधिकारी शामिल हैं। संख्या के मामले में सिर्फ यूपी ही बिहार से आगे है जहां से आईएएस अधिकारियों की संख्या 788 है। हालांकि वहां की आबादी भी बिहार से दोगुनी है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 2.87 लाख में एक व्यक्ति आईएएस बनता है। जबकि यूपी में 2.90 लाख में एक और महाराष्ट्र में 3.74 लाख में एक व्यक्ति आईएएस बनता है।
साल | आईएएस | बिहार |
2018 | 173 | 12 |
2017 | 178 | 13 |
2016 | 175 | 05 |
2015 | 177 | 08 |
2014 | 196 | 20 |
2013 | 208 | 15 |
2012 | 198 | 08 |
2011 | 209 | 19 |
2010 | 241 | 17 |
2009 | 261 | 10 |
सबूत सामने है। सिविल सर्विस में बिहार की भागीदारी को लेकर चाहे जो भी धारणा हो लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले दस वर्षों में बिहार ने देश को 127 आईएएस ऑफिसर दिए हैं। खासबात यह है कि सी-सैट के लागू होने बाद यह धारणा बनाई जा रही थी कि सिविल सर्विस में बिहार की भागीदारी घटेगी, लेकिन बिहार ने इस धारणा को भी बदल दिया है और अपने सफलता के ग्राफ को कायम रखा है।
शीर्ष पदों पर तैनात हमारे अफसर:
- राजीव गौबा, कैबिनेट सेक्रेटरी, भारत सरकार
- सीके मिश्रा, सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज
- रवि कांत : सेक्रेटरी, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया
- उत्पल सिंह : चीफ सेक्रेटरी, उत्तराखंड
- राजीव सिन्हा : चीफ सेक्रेटरी, प. बंगाल
- संजीव कुमार : स्पेशल सेक्रेटरी, हेल्थ एंड फैमिली वेल्फेयर, भारत सरकार
- पंकज कुमार : एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, गुजरात
- श्रीकांत सिंह : एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, होम डिपार्टमेंट, महाराष्ट्र
बेहतर हो रही बिहार की स्थिति
पिछले 20 वर्षों का रिकॉर्ड देखें तो बिहार से आईएएस अधिकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 1999 से 2008 के बीच 10 वर्षों में देशभर से चुने गए 1698 आईएएस अधिकारियों में से बिहार से 106 (6.24 प्रतिशत) रहे। यह आंकड़ा अगले 10 वर्षों में बढ़ा। वर्ष 2009 से 2018 के बीच देशभर से चुने गए कुल 2016 आईएएस अधिकारियों में से बिहार से 127 (6.29 प्रतिशत) रहे। हालांकि यह बढ़ोतरी कुछ कम है।
परन्तु एक्सपर्ट बताते हैं कि 2011 में सीसैट पैटर्न लागू हुआ। सीसैट में अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता ने बिहारी अभ्यर्थियों के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं। हालांकि अभी सीसैट को क्वालिफाइंग कर दिया गया है, जिसका परिणाम आने वाले सालों में देखने का मिलेगा।
1987 से 1996 के बीच सबसे बढ़िया रिजल्ट
बिहार से आईएएस अधिकारी बनने के मामले में सबसे सुनहरा वक्त 1987 से 1996 के बीच रहा था। इस दौरान यूपीएससी के जरिए कुल 982 आईएएस अधिकारियों का चयन हुआ, जिसमें बिहार से 159 अधिकारी थे। यानी तब बिहार से आईएएस बनने की दर 16.19 फीसदी रही थी।