बिहार. आयुष्मान भारत योजना के तहत सूबे के सात मेडिकल कॉलेजों में सबसे अधिक मरीजों का इलाज मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुआ है। इस योजना के तहत पिछले एक साल में एसकेएमसीएच में 3830 लोगों ने इलाज कराया है। इससे अस्पताल को सूबे में सर्वाधिक 2 करोड़ 84 लाख 33 हजार 282 रुपये की आमदनी हुई है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरे स्थान पर पटना का इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) है। इसमें 2075 मरीजों का इलाज हुआ। इससे अस्पताल काे 40 लाख 97 हजार 456 रुपये का फायदा हुआ है। तीसरे स्थान पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रहा, जिसने 1007 लोगों का इलाज कर 44 लाख 12 हजार 130 रुपये की आमदनी की है।
संस्थान | मरीज | आय |
1. एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर | 3830 | ₹ 2.84 करोड़ |
2. आइजीआइएमएस, पटना | 2075 | ₹ 40.97 लाख |
3. डीएमसीएच, दरभंगा | 1007 | ₹ 44.12 लाख |
4. एएनएमएमसीएच, गया | 886 | ₹ 49.53 लाख |
5. पीएमसीएच, पटना | 757 | ₹ 44.53 लाख |
6. वीआइएमएस, पावापुरी | 441 | ₹ 39.21 लाख |
7. एनएमसीएच, पटना | 185 | ₹ 4.37 लाख |
क्या है आयुष्मान भारत योजना?
आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक की फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाती है। इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होता है। कोई भी व्यक्ति (विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग) इलाज से वंचित न रह जाएं, इसलिए योजना में फैमिली साइज और उम्र पर की सीमा नहीं है।
इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च को भी शामिल किया गया है। हर बार अस्पताल में भर्ती होने के लिए परिवहन भत्ता दिया जाता है, जिसका भुगतान लाभार्थी को किया जाता है। इस योजना के तहत देश के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकता है।