भारत सरकार ने 59 चाइनीज मोबाइल एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इस लिस्ट में टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हैलो और शेयर इट जैसे एप शामिल हैं। सरकार ने कहा कि इन चाइनीज एप के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था। इनसे देश की सुरक्षा और एकता को भी खतरा था। इसी वजह से इन्हें बैन करने का फैसला लिया गया। सरकार ने चीनी एप पर बैन की 7 वजहें बताईं…
◙ सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत इन चीनी एप को बैन किया है। सरकार के मुताबिक, ये एप जिन गतिविधियों में शामिल हैं, उनसे भारत की सुरक्षा, सम्प्रभुता और एकता को खतरा है।
◙ पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं। इनमें कहा गया था कि इन एप से सम्प्रभुता और एकता को खतरा है।
◙ सूचना मंत्रालय को मिल रही शिकायतों में कहा गया था कि एंड्राॅयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल एप का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एप गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे।
For safety, security, defence, sovereignty & integrity of India and to protect data & privacy of people of India the Government has banned 59 mobile apps.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 29, 2020
Jai Hind! 🇮🇳
◙ भारत की सिक्युरिटी और डिफेंस के लिए इस तरह से जमा किए गए डेटा का दुश्मनों के पास पहुंच जाना चिंता की बात है। यह भारत की एकता और सम्प्रभुता के लिए खतरा है। यह बेहद गहरी चिंता का विषय है और इसमें तुरंत कदम उठाना जरूरी था।
◙ इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर, गृह मंत्रालय को भी इस तरह के खतरनाक एप को तुरंत बैन करने के लिए रिकमंडेशन भेजी गई थी। कुछ एप और उनके गलत इस्तेमाल को लेकर लोगों ने भी चिंताएं जाहिर की थीं। कम्प्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम को भी डेटा चोरी और प्राइवेसी को खतरे की शिकायतें मिली थीं।
◙ संसद के अंदर और बाहर भी इस तरह के एप को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं। भारत की जनता भी लगातार इन एप के खिलाफ एक्शन की मांग कर रही थी, क्योंकि इनसे देश की सम्प्रभुता और नागरिकों की प्राइवेसी को खतरा है।
◙ इन सब शिकायतों और भरोसेमंद जानकारी के आधार पर हमें पता चला कि ये एप देश की एकता और सम्प्रभुता के लिए खतरा हैं। सरकार ने फैसला किया है कि इन एप को मोबाइल और इंटरनेट से चलने वाली डिवाइस पर इस्तेमाल बैन कर दिया जाए। इंडियन साइबरस्पेस की सुरक्षा और सम्प्रभुता के लिए यह फैसला लिया गया है।
ये वो 59 चाइनीज एप हैं, जिन्हें सरकार ने किया है बैन:

इससे पहले रेलवे-बीएसएनएल ने भी चीनी कंपनियों के साथ करार रद्द किया था
रेलवे ने चीन की कंपनी से 471 करोड़ रुपए का करार रद्द कर दिया था। इसके साथ ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 4जी संसाधनों को अपग्रेड करने के लिए चीन के प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया था। यह भी कहा जा रहा है कि भारत सरकार चीन से आयात किए जाने वाले कई प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है। आने वाले दिनों में चीन के साथ हुए और भी करार रद्द किए जा सकते हैं।
बिहार ने टेंडर रद्द किया
बिहार सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि पटना में बनाए जाने वाले पुल का टेंडर कैंसिल कर दिया गया है। राज्य के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने इस बात की जानकारी दी थी।