राज्य में विकास योजनाओं को गति देने के लिए परियोजनाओं को मंजूरी देने का मंत्रियों का अधिकार बढ़ा दिया गया है। अब विभागों के मंत्री 10 करोड़ की बजाए 15 करोड़ रुपए तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। वहीं विभाग के मंत्री के अनुमोदन से वित्त मंत्री 20 करोड़ की बजाए 30 करोड़ रुपए तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। इससे अधिक की योजनाओं को ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।
नए प्रावधान को लागू करने के लिए कार्यपालिका नियमावली में संशोधन किया गया है। इसके तहत विभाग के सचिव 2.5 करोड़ रुपए की बजाए अब 5 करोड़ रुपए की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। इसी तरह विभाग के मंत्री 5 करोड़ रुपए से लेकर 15 करोड़ रुपए तक की योजनाओं को मंजूरी देंगे। इससे अधिक लेकिन 30 करोड़ रुपए तक की योजनाओं को विभाग के मंत्री के अनुमोदन से वित्त मंत्री मंजूरी देंगे। इससे अधिक की योजनाएं ही मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजी जाएगी।
नए नगर निकायों में 5 साल तक खाली जमीन पर टैक्स नहीं
राज्य में नए बनने वाले नगर निकायों में खाली जमीन पर पांच साल तक या मकान बनने तक टैक्स नहीं लगेगा। इसके लिए कैबिनेट ने बिहार नगरपालिका संपत्ति कर (निर्धारण, संग्रहण और वसूली) नियमावली 2013 में संशोधन कर दिया है। इसके तहत नगर पंचायत, नगर परिषद या नगर पालिका के गठन पर उसकी सीमा में खाली जमीन पर पांच साल तक टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन इसी अवधि के भीतर अगर उस जमीन पर मकान बन जाता है तो होल्डिंग टैक्स लगने लगेगा।
नई नियुक्तियों में पोस्टिंग-ट्रांसफर का नियम बदला
नई नियुक्तियों के मामले में सक्षम पदाधिकारी ही तबादला या पदस्थापन कर सकेंगे। बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्य में सामान्य रूप में जून में ही तबादले होते हैं। अब यह तय किया गया है कि नई नियुक्ति के मामले में प्रथम पदस्थापन सक्षम पदाधिकारी द्वारा कभी भी किया जा सकेगा। पहले प्रोन्नति, कार्यहित और प्रशासनिक कारणों से सक्षम पदाधिकारी से एक स्तर ऊपर के पदाधिकारी द्वारा तबादला या पदस्थापन किया जा सकेगा।
अब 55 वर्ष के पंचायत सचिव को भी दी जाएगी प्रोन्नति
पंचायत सचिव व पंचायत पर्यवेक्षकों को 50 की बजाए 55 वर्ष तक प्रोन्नति मिल सकेगी। इसके लिए बिहार पंचायत सेवा नियमावली 2010 के भर्ती के नियमों में संशोधन किया गया है। पंचायत सेवक को पंचायत पर्यवेक्षक और पंचायत पर्यवेक्षक को जिला पंचायत राज पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति दी जाती है।
खेलो इंडिया कार्यक्रम को नहीं मिली मंजूरी
कैबिनेट ने खेलो इंडिया- राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम के प्रस्ताव में सुधार के लिए इसे कला संस्कृति विभाग को वापस लौटा दिया है। इसे फिर से अगली कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
- महनार नगर पंचायत को नगर परिषद का दर्जा।
- 61 जिला और अनुमंडल न्यायालयों में 72 करोड़ रुपए से लगेंगे सीसीटीवी कैमरे।
- जल संसाधन विभाग में 65 वर्ष की उम्र तक कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर सकेंगे मुख्य अभियंता।
- बिहार जैव विविधता नियमावली को मंजूरी।
- उत्तर और दक्षिण बिहार बिजली कंपनियों को 821 करोड़ रुपए।
- बरौनी बिजली घर को कोयला के लिए 305 करोड़ रुपए से बादम कोल ब्लॉक का होगा विकास, 60 करोड़ रुपए जारी।
- अपराध अनुसंधान विभाग मे अनुमंडल अनुसंधान पदाधिकारी और सहायक अभियोजन पदाधिकारी के 1-1 पद को मंजूरी।
- मधुबनी के तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी बर्खास्त।